आपने साइकिल ली क्या? आइडिया बुरा नहीं है.


वर्ल्ड इनवायर्नमेंट डे पर मेरे दोस्तों ने बाइक को अलविदा कह कर ११ गियर वाली साइकिल खरीद ली और साइकिल क्लब की स्थापना कर डाली। मुझे भी उस क्लब का मेम्बर बनने को कहा तो मैंने अपने दोस्तों से पूछा कि इसका फ़ायदा क्या है। जिस पर मेरे दोस्तों ने मुझको डेमो दे डाला। दोस्तों ने मुझसे कहा कि पहले जमाने में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हम साइकिल का इस्तेमाल करते थे। इसके बाद इसकी जगह मोटरसाइकिल,कार,बस और ट्रक ने ले ली है। इसकी वजह से सड़के असुरक्षित हो गयी है और एक्सीडेंट बढ़ते जा रहे है। इन गाड़ियों के धुएं से दिन पर दिन शहर का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जो हमारी हेल्थ पर गंभीर असर डाल रहा है। आज के लोग थोड़ी से दूर जाने के लिए भी मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते है। उसकी जगह पैदल या फिर साइकिल से जाने को अपनी तौहीन समझते है। क्योकि साइकिल आज के दौर में गरीबों का स्टैण्डर्ड बन गयी है। जबकि साइकिल चलाना हमारे स्वास्थ्य के लिए तो बेहतर है ही साथ ही वह प्रदूषण को भी रोकती है। और इससे एक्सीडेंट की संभावनाए भी कम होती है। दोस्तों की बात सुनकर लगा कि यह सौदा मंहगा नहीं है। तो भैया, वहां से निकलते ही मैंने भी एक साइकिल खरीद ली।


{ i-next 10 जून 2010 में प्रकाशित }

इंटरनेट.......क्या कुछ नहीं दिया तुमने


आज मैंने अपना कम्प्यूटर खोला तो मुझे अपने फ्रेंड का ई-मेल मिला कि उसे नौकरी मिल गयी है और आजकल वह विदेश में सेटल हो गया है.इस तरह आसानी से खुशियाँ बताने और लोगो से संपर्क साधने का मौका इन्टरनेट ही दे सकता है.आज इन्टरनेट के द्वारा हम एक-दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान सकते है.एक खास बात यह है कि इन्टरनेट के जरिये सूचनाओं का विपुल भंडार हमें मिलता है.इससे कभी-कभी जिंदगी बहुत आसान हो जाती है.आज रेलवे टिकट,एयर टिकट,शापिंग ,चैट,सोशल साइट,जाब्स,गेम्स,घूमना-फिरना सहित अथाह जानकारी इन्टरनेट पर पल भर में उपलब्ध हो जाती है.इन्टरनेट पर कुछ ऐसी साइट्स है,जिनकी जबरदस्त चर्चा है.गूगल अर्थ भी ऐसी ही साइट है जो सैटेलाईट से पूरी दुनिया के नक़्शे को दिखा सकती है.छोटे से छोटे शहर की सड़क और घर तक आप देख सकते है.सिटी में बैठे हुए अपने गाँव के रास्तों को देख सकते है.सुरक्षा मामलों को लेकर इस पर काफी विवाद हो चूका है.आज लोगो ने इन्टरनेट पर अश्लील सामग्री डालने का जरिया बना लिया है.खैर जो भी हो यह हमें सोचना है कि हम प्रौद्योगिकी का प्रयोग किस दिशा में कर रहे है.अगर सही दिशा में कर रहे है तो यह यूजफुल है वरना यह काफी खतरनाक हो सकती है।


{i-next 3 जून 2010 में प्रकाशित }